BLO पर कार्रवाई: घर-घर जाने के बजाय चाय की दुकानों पर बांट रहे थे फॉर्म, आयोग ने थमाया नोटिस

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पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में लापरवाही पर सख्त कदम उठाते हुए आठ बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरोप है कि ये अधिकारी घर-घर फॉर्म बांटने के बजाय चाय की दुकानों और क्लबों में प्रपत्र वितरित कर रहे थे। आयोग ने बिहार मॉडल अपनाने के निर्देश देते हुए पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

पश्चिम बंगाल में BLO पर कार्रवाई: घर-घर जाने के बजाय चाय की दुकानों पर बांट रहे थे फॉर्म, आयोग ने थमाया नोटिस

पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान बड़ी लापरवाही पर सख्त रुख अपनाया है। शनिवार को आयोग ने आठ बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया। आरोप है कि ये अधिकारी मतदाताओं के घर-घर जाकर फॉर्म देने के बजाय चाय की दुकानों, स्थानीय क्लबों और सार्वजनिक स्थलों पर प्रपत्र बांट रहे थे।

आयोग ने स्पष्ट किया कि इस तरह की गतिविधियाँ निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन हैं और मतदाता सूची की पारदर्शिता पर सवाल उठाती हैं।

मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए सख्त दिशा-निर्देश

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने बताया कि आयोग ने अब राज्य के सभी जिलों को बिहार मॉडल अपनाने के निर्देश दिए हैं। इस मॉडल के तहत प्रत्येक बीएलओ को मतदाताओं के घर जाकर स्वयं फॉर्म वितरित करने और भरवाए गए प्रपत्र एकत्र करने की जिम्मेदारी होती है। अधिकारियों का कहना है कि इस पद्धति से मतदाताओं की पहचान सत्यापित करने और रिकॉर्ड में त्रुटियों को कम करने में मदद मिलती है।

ऑनलाइन प्रपत्र जमा करने के लिए मोबाइल या ईमेल लिंक अनिवार्य

निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची में किसी भी प्रकार का ऑनलाइन संशोधन या पंजीकरण तभी स्वीकार होगा, जब मतदाता परिचय पत्र से मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी लिंक होगा। जारी अधिसूचना के अनुसार, जिन मतदाताओं के कार्ड से ये विवरण जुड़े नहीं हैं, उनके ऑनलाइन फॉर्म को अस्वीकृत कर दिया जाएगा। यह कदम मतदाता डेटा की सत्यता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

लापरवाही पर सख्त कार्रवाई का संकेत

चुनाव आयोग ने चेतावनी दी है कि भविष्य में यदि किसी बूथ स्तरीय अधिकारी द्वारा फॉर्म वितरण में लापरवाही या निर्धारित प्रक्रिया से विचलन पाया गया, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अभी तक आठ बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, लेकिन आयोग ने संकेत दिया है कि जांच में और भी नाम सामने आ सकते हैं।