52 डांट नाला हादसा – ललित नाले में क्या बहा, नेत्रहीन माँ की आखिरी लाठी भी टूटी, 7 साल पहले जवान बेटा, 3 साल पहले पति भी छोड़ चुके हैं साथ

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हल्द्वानी skt.com मं

मंगलवार को 52 डाँठ स्थित भाखड़ा नाले में 38 वर्षीय ललित पालीवाल के नाले में बह कर मृत्यु हो जाने से परिवार का आखरी सहारा भी छिन गया। इस दुखदायक घटना के बाद मृतक ललित की नेत्रहीन मां के आंखों से आंसू भी नहीं निकल पा रहे हैं। ललित की मां भगवती पालीवाल अपने भाग्य को मन-मन में कोस रही है कि उसे कैसे दिन देखने पड़ रहे हैं आज आखिर में उसकी देखभाल करने वाला उसकी बुढ़ापे की एकमात्र लाठी उसका बड़ा बेटा उसे जीवन के आखिरी पड़ाव में छोड़कर चला गया

भगवती देवी के सामने अब बोल पाने की भी स्थिति नहीं रह गई है 7 – 8 वर्ष पूर्व उसका छोटा बेटा राजू भी इस दुनिया से चला गया तथा अभी 3 वर्ष पूर्व भी उनके पति स्वर्गीय रामदत्त पालीवाल भी उनका साथ छोड़कर चले गए।

वहीं अब नेत्रहीन मां का एकमात्र बुढ़ापे की लाठी ललित भी भाखड़ा नाले के भेंट चढ़ गया। गांव वालों ने बताया कि ललित अभी नाले को पार ही कर रहा था कि उसकी चप्पल पांव से निकल गई वह चप्पल लेने के लिए जैसे ही पीछे को मुडा तो पानी के तेज बहाव के बीच हुआ उसका संतुलन बिगड़ गया इसी बीच उसने बचाने के लिए हाथ ऊपर करें लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि वह एक झटके में रपटे से नीचे नाले में चला गया।

लोगों ने उसे ढूंढने की कोशिश की लेकिन वह नाले मे गिरने के बाद अदृश्य हो गया बाद में पुलिस और एसडीआरएफ की टीम में मौके पर आई तो उन्होंने नाले में सर्च अभियान चलाया तो करीब 2 किलोमीटर दूर ईसाई नगर नाले में उसका शव बरामद हुआ ।

( वीडयो दुःखद- पुत्र वियोग मे बिलखती माँ)

क्षेत्र वासियों ने स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाया कि लंबे समय से भाखड़ा के इस नाले पर पुल बनाने की मांग की गई है लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने इस कोई ध्यान नहीं दिया। वन विभाग की ओर से इस नाले के ठीक ऊपरवन विश्राम गृह जिसने के लिए एक छोटी पुलिया का निर्माण किया गया है लेकिन ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल के ऊपर से भी पानी बह कर निकलता है और पुलिया कब नाले के रौद्र रूप की चपेट में आ जाए कहा नही जा सकता है ।

इस नाले के ऊपर करीब आधा दर्जन गांव और हजारों लोग निवास करते हैं सभी ग्रामीण पृष्ठभूमि के हैं तथा उनका हल्द्वानी आना जाना हमेशा लगा रहता है । भाखड़ा के ऊपर पुल नहीं होने से बरसात के 3 महीने उनके लिए हमेशा काल बनकर खड़े रहते हैं। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि भाखड़ा जब फैल कर आती है तो उनके घरों में पानी घुसता है तो उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं इसके अलावा कई बार ग्रामीणों के मवेशी भी नाले के आगोश में आकर बह जाते हैं।

ग्रामीण इस दुखी घड़ी में दिवंगत ललित के मन की हालत पर दुखी है उनका कहना है कि आपदा में ललित का चला जाना वास्तव में बहुत ही हृदय विधायक है प्रशासन को चाहिए कि वह आपदा मत से ललित की नेत्रहीन मां की मदद करें ताकि उसका कष्ट कुछ काम हो सके।

सांत्वना देने पहुचे जन प्रतिनिधि

दिवंगत ललित की मां को सांत्वना देने के लिए क्षेत्रीय प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य ढांढस देने के लिए पहुँच रहे हैं जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया ने घटना पर दुख व्यक्त किया।कांग्रेस के नेता पूर्व ब्लॉक प्रमुख भोला भट्ट ने शोक संतृप्त परिवार से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की तथा प्रशासन से उनकी तात्कालिक मदद करने की मांग की। परिजनों को कोई दिक्कत होने पर साथ खड़े होने का भरोसा भी दिया।इधर भाजपा नेता महेश शर्मा ने भी शोक संतृप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।