उत्तराखंड में 5 सबसे रोमांचक शीतकालीन ट्रेक

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उत्तराखंड में शीतकालीन ट्रेक

उत्तराखंड भारत में ट्रेकिंग के लिए एक बेहद लोकप्रिय जगह है, खासकर सर्दियों में। जब पहाड़ बर्फ से ढके होते हैं और जंगल शांत और जादुई होते हैं, तो यह रोमांच चाहने वालों के लिए स्वर्ग जैसा होता है! अगर आप इस साल सर्दियों में यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो उत्तराखंड के विंटर ट्रेक्स आपकी बकेट लिस्ट में सबसे ऊपर होने चाहिए। ये ट्रेक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं और शुरुआती और अनुभवी ट्रेकर्स के लिए उपयुक्त हैं। 

इस ब्लॉग में, हम सर्दियों के लिए उत्तराखंड में सर्वश्रेष्ठ ट्रेक पर चर्चा करेंगे और आपके ट्रेक को सुरक्षित और यादगार बनाने के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान करेंगे।

उत्तराखंड में शीर्ष 5 शीतकालीन ट्रेक

केदारकांठा ट्रेक: शीतकालीन ट्रेक की रानी

उत्तराखंड में सर्वश्रेष्ठ शीतकालीन ट्रेक

केदारकांठा उत्तराखंड के सबसे प्रसिद्ध शीतकालीन ट्रेक में से एक है। यह शुरुआती और परिवारों के लिए शीतकालीन रोमांच के लिए एक आदर्श ट्रेक है; 12,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित, यह ट्रेक हिमालय का एक आदर्श परिचय प्रदान करता है। गोविंद वन्यजीव अभयारण्य में स्थित, यह ट्रेक शिखर से एक शानदार 360-डिग्री दृश्य और आश्चर्यजनक कैंपसाइट प्रदान करता है। यह ट्रेक देवदार और ओक के पेड़ों के खूबसूरत जंगलों से होकर गुजरता है, जो सर्दियों में पूरी तरह से बर्फ से ढके होते हैं, जिससे यह ट्रेक एक अद्भुत दृश्य अनुभव बन जाता है। 

सर्वोत्तम समय: दिसंबर से मार्च तक का समय उत्तराखंड में शीतकालीन ट्रेक पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय है।

कठिनाई: आसान से मध्यम 

अवधि: 5-6 दिन 

ट्रेक : बर्फ से ढके देवदार के जंगल, सूर्योदय शिखर का दृश्य और आसान मार्ग इस शीतकालीन ट्रेक को उत्तराखंड में सर्वश्रेष्ठ शीतकालीन ट्रेक में से एक बनाता है।

यह ट्रेक सर्दियों के ट्रेक के रोमांच और सुगमता के बीच एक बेहतरीन संतुलन बनाता है, जिससे केदारकांठा ट्रेक सर्दियों में उत्तराखंड में घूमने के लिए सबसे अच्छे ट्रेक में से एक बन जाता है। अगर आप पहली बार सर्दियों में ट्रेक पर जा रहे हैं, तो केदारकांठा ट्रेक उत्तराखंड में आपके लिए सबसे अच्छे ट्रेक में से एक है।

 दयारा बुग्याल ट्रेक: विशाल बर्फ के मैदान

उत्तराखंड में सर्वश्रेष्ठ शीतकालीन ट्रेक

दयारा बुग्याल अपने विशाल, लहराते अल्पाइन घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है। सर्दियों के आते ही, ये घास के मैदान शुद्ध बर्फ की एक विशाल चादर में बदल जाते हैं और एक शानदार उच्च-ऊंचाई वाले स्की रिसॉर्ट का परिदृश्य तैयार करते हैं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित दयारा बुग्याल का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत है। 

सर्वोत्तम समय: दिसंबर से फरवरी के बीच उत्तराखंड के शीतकालीन ट्रेक पर जाने की योजना बनाएं।

कठिनाई: आसान

ट्रेक: यहाँ ढलानें हल्की हैं और यह परिवारों और शुरुआती ट्रेकर्स के लिए बिना किसी खड़ी चढ़ाई के ऊँची बर्फ का अनुभव करने के लिए उपयुक्त है। यहाँ से गढ़वाल हिमालय, बंदरपूँछ और ब्लैक पीक के खूबसूरत नज़ारे दिखाई देते हैं। 

यदि आप एक आसान और बर्फीले रास्ते पर जाना चाहते हैं, तो दयारा बुग्याल उत्तराखंड में सबसे अच्छे शीतकालीन ट्रेक में से एक है।

नाग टिब्बा ट्रेक: परफेक्ट वीकेंड स्नो हाइक

उत्तराखंड में सर्वश्रेष्ठ शीतकालीन ट्रेक

नाग टिब्बा उत्तराखंड के सबसे आसान और लोकप्रिय शीतकालीन ट्रेक में से एक है, जो शुरुआती और सप्ताहांत के रोमांचकारी लोगों के लिए सबसे उपयुक्त है। मसूरी के पास स्थित यह ट्रेक आपके लिए एकदम सही है अगर आप बिना ज़्यादा दिन की छुट्टी लिए तीन दिन का रोमांचक और बर्फीला अनुभव चाहते हैं। 

  • कठिनाई: आसान
  • अवधि: 2 दिन (या धीमी गति से 3 दिन)
  • ट्रेक: नाग टिब्बा की चोटी से, आप बंदरपूंछ, गंगोत्री शिखर समूह और कालानाग चोटी सहित हिमालय के ऊँचे शिखरों का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। सर्दियों में बर्फीले देवदार और ओक के जंगलों में ट्रेकिंग करना एक अनोखा और शांत अनुभव है जो आपको एक शांतिपूर्ण सैर का आनंद लेने का मौका देता है। शहरवासियों के लिए, यह काम से एक हफ़्ते की छुट्टी लिए बिना बर्फ से ढके हिमालय की खूबसूरती का आनंद लेने और देखने का एक मौका है। 
  • सर्वोत्तम समय: यदि आप ट्रैकिंग के लिए नाग टिब्बा जाने की योजना बना रहे हैं तो दिसंबर से फरवरी इस ट्रैकिंग स्थल पर जाने का सबसे अच्छा समय है।

नाग टिब्बा की सबसे अच्छी बात यह है कि आप इसे दो या तीन दिन के आसान ट्रेक में पूरा कर सकते हैं। ज़मीन पर अच्छी-खासी बर्फ़ होने के बावजूद, यह ट्रेक ज़्यादा चुनौतीपूर्ण नहीं है। इसलिए अगर आप उत्तराखंड में सबसे अच्छे छोटे शीतकालीन ट्रेक की तलाश में हैं, तो नाग टिब्बा आपके लिए सबसे उपयुक्त है।

कुआरी दर्रा ट्रेक: दिग्गजों का दृष्टिकोण (लॉर्ड कर्जन का मार्ग)

उत्तराखंड में सर्वश्रेष्ठ शीतकालीन ट्रेक

ट्रैकिंग के दौरान अद्भुत पहाड़ी दृश्यों की तलाश करने वालों के लिए, कुआरी दर्रा ट्रेक ज़रूर करना चाहिए! इस ट्रेक को लॉर्ड कर्जन ट्रेक के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस रास्ते की खोज 1905 में लॉर्ड कर्जन ने की थी। यह चमोली जिले में लगभग 12,516 फीट (3,815 मीटर) की ऊँचाई पर स्थित है। कुआरी दर्रा उत्तराखंड के सबसे अच्छे शीतकालीन ट्रेक में से एक है क्योंकि आपको ऐसा मनोरम दृश्य कहीं और नहीं मिलेगा! ऊपर से, आपको कुछ सबसे ऊँची और सबसे पूजनीय भारतीय चोटियों का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है।

  • कठिनाई: आसान से मध्यम
  • अवधि: 5-6 दिन
  • ट्रेक: इस ट्रेक से आपको विशाल नंदा देवी पर्वत (भारत की दूसरी सबसे ऊँची चोटी), द्रोणागिरी, त्रिशूल, कामेट और चुखंबा जैसे पहाड़ों का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलेगा! यह रास्ता प्राचीन ओक और रोडोडेंड्रोन के जंगलों से होकर गुजरता है जहाँ सर्दियों में बर्फ की मोटी परत जम जाती है, जिसके कारण खुल्लारा और ताली जैसे शानदार कैंपिंग स्थल बनते हैं। अपनी सुगमता और शानदार दृश्यों के कारण यह ट्रेक उत्तराखंड में सर्दियों के ट्रेक के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

चोपता-तुंगनाथ-चंद्रशिला ट्रेक: एक आध्यात्मिक हिम चढ़ाई

उत्तराखंड में सर्वश्रेष्ठ शीतकालीन ट्रेक

अगर आप आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सौंदर्य के अनोखे संगम की तलाश में हैं, तो चोपता-तुंगनाथ-चंद्रशिला ट्रेक सर्दियों में उत्तराखंड के लिए एक ज़रूरी ट्रेक है। ‘भारत का मिनी स्विट्जरलैंड’ कहे जाने वाले चोपता, इस ट्रेक का आधार है और दिसंबर से मार्च तक पूरी तरह बर्फ से ढका रहता है। 

यह ट्रेक दुनिया के सबसे ऊँचे शिव मंदिर (12,073 फीट की ऊँचाई पर) तुंगनाथ तक जाता है। हालाँकि सर्दियों के चरम महीनों में मंदिर बंद रहता है, फिर भी बर्फ और आध्यात्मिक वातावरण के लिए यह ट्रेक सार्थक है। तुंगनाथ से लगभग 13,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित चंद्रशिला शिखर तक 1.5 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई है। 

  • कठिनाई: मध्यम (यह ट्रेक गर्मियों में आसान है, लेकिन बर्फ से ढकी खड़ी ढलानें इसे सर्दियों में अधिक कठिन और साहसिक बना देती हैं)।
  • अवधि: 4 दिन (व्यापक अनुभव के लिए देवरियाताल झील की यात्रा भी शामिल है)।
  • ट्रेक:   चंद्रशिला की चोटी से नंदा देवी, त्रिशूल, केदार शिखर और चौखंबा पर्वतों का 360 डिग्री का मनोरम दृश्य देखें, जो सर्दियों में बर्फ से सफ़ेद दिखाई देते हैं। सर्दियों में बर्फ में गहरी ट्रेकिंग करने का आनंद ही इसे उत्तराखंड के सबसे बेहतरीन शीतकालीन ट्रेक में से एक बनाता है।

उत्तराखंड में शीतकालीन ट्रेक क्यों चुनें?

उत्तराखंड में सर्दियों में ट्रेकिंग करने के कई कारण सिर्फ़ बर्फ़ तक ही सीमित नहीं हैं। हवा ठंडी और साफ़ होती है, और पर्वत श्रृंखलाओं का दृश्य गर्मियों की तुलना में बेहतर होता है। साल के इस समय पहाड़ों की शांति गहरी और सुकून देने वाली होती है। अपने पैरों के नीचे बर्फ़ पर चलना और शहरों के पास ताज़ी, धूल-रहित हवा में साँस लेना एक सुकून और प्रकृति से जुड़ाव का एहसास देता है जो मंत्रमुग्ध कर देने वाला है।

उत्तराखंड में सर्दियों के ट्रेक चुनें, चाहे वह लोकप्रिय केदारकांठा हो, ऐतिहासिक कुआरी दर्रा हो, या ज़्यादा चुनौतीपूर्ण चोपता-चंद्रशिला ट्रेक, यह सर्दी आपको जीवन भर की यादें देगी। अपना सामान साथ लाएँ, बिल्कुल फिट रहें, और बर्फ से ढके भारतीय हिमालय के जादुई सर्दियों के नज़ारों में से एक का अनुभव करने के लिए तैयार हो जाएँ