33 साल बाद चुनावी राजनीती से बाहर हुए निशंक, मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी या लेंगे सन्यास?
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे डॉ रमेश पोखरियाल निशंक का टिकट काटकर बड़ा झटका दिया है। बता दें निशंक पिछले 33 सालों से लगातार चुनावी राजनीति में सक्रिय थे। दो बार हरिद्वार का सांसद रहने के बाद इस बार भाजपा ने निशंक का टिकट काटा है।
बता दें भाजपा ने इस बार उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत को मैदान में उतारा है। जिसके बाद से ही त्रिवेंद्र रावत हरिद्वार दौरे पर हैं। बीते दिनों पहले ही त्रिवेंद्र रावत ने हरिद्वार पहुंचकर साधु-संतों से मुलाकात कर जीत का आशीर्वाद मांगा था। इसके अलावा दिल्ली में उन्होंने निशंक से भी शिष्टाचार भेंट की थी।
निशंक के राजनैतिक कैरियर पर लगा ब्रेक ?
बताते चलें निशंक दो बार सांसद रहने के अलावा राज्य के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और विधायक भी रह चुके हैं। निशंक का राजनैतिक कैरियर 1991 में कर्णप्रयाग से विधायक का चुनाव जीतकर हुआ था। लेकिन हरिद्वार से टिकट कटने से फिलहाल उस पर ब्रेक लग गया है।
संगठन में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
माना जा रहा है की निशंक को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। आशंका ये भी जताई जा रही है कि निशंक को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के राज्यसभा सांसद निर्वाचित होने से प्रदेश में पार्टी की कमान किसी नए चेहरों को सौंपी जा सकती है।
निशंक पर नए प्रयोग कर सकती है भाजपा
सूत्रों के मुताबिक रमेश पोखरियाल निशंक को जल्द ही उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है। इसके पीछे कई कारण उभर कर सामने आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रहने के बाद भाजपा के तेजतर्रार नेता निशंक पर भाजपा नए प्रयोग कर सकती है।
क्या मिलेगी संगठन की जम्मेदारी
डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को उत्तराखंड में संगठन का मुखिया बनाया जाता है तो उत्तराखंड भाजपा को और भी ज्यादा मजबूती मिलेगी। इसका एक कारण ये भी है कि निशंक का प्रबंध काफी मजबूत माना जाता है. ऐसे में पार्टी हाईकमान संगठन की कमान उन्हें देने पर विचार कर सकती है
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