क्यों बंद हुई जेट एयरवेज? अब केवल इतिहास के पन्नों में दिखेगी, जानें सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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Now Jet Airways will be seen only in the pages of history

भारत के एविएशन सेक्टर का कभी सबसे चमकता सितारा रही जेट एयरवेज अब पूरी तरह से इतिहास के पन्नों में सिमटने जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने जेट एयरवेज को लेकर अहम फैसला सुनाया है।

मुख्य बिंदु

प्रीम कोर्ट ने खारिज किया फैसलासुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलटी को लगाई फटकारक्यों बंद हुई जेट एयरवेज?

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस जे.बी पारदीवाला एवं जस्टिस मनोज मिश्रा की खंड पीठ ने जेट एयरवेज के मामले में उसके लिक्विडेशन का फैसला सुनाया है। किसी कंपनी का लिक्विडेशन उसके एसेट्स इत्यादि को बेचकर उसे पूरी तरह खत्म करना होता है।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया फैसला

दरअसल, जेट एयरवेज को दोबारा शुरु करने के लिए जालान कालरॉक कंसोर्टियम ने एनसीएलटी के सामने समाधान योजना पेश की थी। इस रिजॉज्ल्यूशन प्लान को बनाए रखने और जेट एयरवेज का स्वामित्व जेकेसी को ट्रांसफर करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने एक फैसला सुनाया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है और इसी के साथ कंपनी के लिक्विडेशन का रास्ता साफ कर दिया है।

एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ देश के सबसे बड़े बैंक SBI की लीडरशिप वाले कर्जदाताओं के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया है। एसबीआई की याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलटी को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एयरलाइंस का लिक्विडेशन इसे कर्ज देने वाले बैंकों, इसके वर्कर्स और अन्य स्टेक होल्डर्स के हित में होगा। कंपनी की संपत्तियों को बेचकर आने वाले पैसे कर्जदारों के ऋणों का भुगतान किया जाएगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलटी को उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई है।

क्यों बंद हुई जेट एयरवेज?

बता दें कि जेट एयरवेज फुल कैरियर सर्विस देने वाली देश की पहली प्राइवेट एयरलाइंस थी। इसके फाउंडर नरेश गोयल हैं। जेट एयरवेज देश में तेजी से बदल रहे एविएशन सेक्टर के हिसाब से खुद को बदल नहीं पाई। छोटे विमानों की जगह लंबे समय तक बड़े विमानों से ही सेवा देती रही। इतना ही नहीं लीज पर लिए गए विमानों के पेमेंट में डिफॉल्ट भी उसने किए। इससे एक समय बाद कंपनी को नकदी संकट का सामना भी करना पड़ा और वह आखिर में बंद हो गई।