अफसरों ने भर दिया एक अरब का इनकम टैक्स, मंत्री को पता चला तो उड़ गए होश, फिर…
उत्तराखंड के अफसरों का अजब-गजब कारनामा सामने आया है. जिसके बाद अधिकारियों पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. दरअसल उत्तराखंड के अफसरों ने एक ऐसी रकम के लिए दो साल पहले करीब एक अरब रुपये इनकम टैक्स में जमा करा दिए जो कभी उत्तराखंड को नहीं मिले. मामले का खुलासा तब हुआ जब विभागीय मंत्री अफसरों की समीक्षा मीटिंग ले रहे थे.
समझौते के मुताबिक ब्याज बढ़कर हो गया 560 करोड़
मामला उत्तर प्रदेश वन निगम और उत्तराखंड वन विकास निगम में परिसंपत्तियों के बंटवारे और देनदारियों के लेनदेन से जुड़ा है. दरअसल साल 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होने के दो दशक बाद यानी 22 फरवरी 2021 को उत्तर प्रदेश वन निगम और उत्तराखंड वन विकास निगम के बीच समझौता हुआ था.
इस समझौते के तहत उत्तराखंड को करीब 100 करोड़ रुपए मिलने थे. अब क्योंकि उत्तराखंड राज्य अलग बनने के बाद से ही पैसा नहीं मिला था. इसलिए इसमें ब्याज बढ़ता गया और ये रकम बढ़कर 560 करोड़ से अधिक हो गई. जो आज तक प्रदेश को नहीं मिली.
इनकम टैक्स ने किया उत्तराखंड वन निगम का खाता सीज
इस बीच इनकम टैक्स ने जब वन निगम से 560 करोड़ रुपये की एवज में पूछ्ताछ की तो यूपी ने आयकर रिटर्न फाइल करते समय ये कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया की ये रकम तो उत्तराखंड की है. जिसके बाद इनकम टैक्स ने उत्तराखंड वन विभाग से टैक्स मांगा. टैक्स नहीं देने पर आयकर अफसरों ने निगम का देहरादून स्थित एसबीआइ ब्रांच का खाता सीज कर दिया.
खाता सीज होने से घबराए उत्तराखंड वन विकास निगम के अफसरों ने इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल में जाकर अपना पक्ष रखने के बजाय करीब एक अरब रुपये इनकम टैक्स भर दिया. अब जाकर ये मामला जब वित्त मंत्री के पास पहुंचा तो उनके भी होश उड़ गए. जिसके बाद मंत्री ने अफसरों को फटकार लगाई
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