Valley of flowers : फूलों की घाटी कैसे पहुंचे?, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

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सैलानी और प्रकृति प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड के चमोली में स्थित फूलों की घाटी (Valley of flowers) पर्यटकों के लिए एक जून से खोल दी जाएगी। बता दें देश-विदेश के पर्यटकों को साल भर से इस दिन का इंतजार रहता है। यहां 500 से अधिक प्रजाति के रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं।


फूलों की घाटी से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के विहंगम नजारे भी देखने को मिलते हैं। अगर आप भी प्रकृति प्रेमी है और आपको ट्रैकिंग का शौक है तो आप फूलों की घाटी का दीदार कर सकते हैं। आपने Valley of flowers जानें का मन बना लिया है और आप अब ये सोच रहे हैं की फूलों की घाटी तक कैसे पहुंचे? तो इस पोस्ट में खबर उत्तराखंड आपको ये सारी जानकारी दे रहा है। इसके साथ ही इस आर्टिकल में जानें खर्च समेत सारी डिटेल्स।

फूलों की घाटी कैसे पहुंचे? (how to reach valley of flowers)
अगर आपको फूलों की घाटी जाना है तो आपको एक बात पहले ही समझ लेनी होगी कि आपको पैदल ट्रैक करना ही पड़ेगा। कोई भी वाहन आपको फूलों की घाटी तक नहीं ले जा सकता। आपको पहले ही उस वाहन को छोड़ना होगा। अब आपको बताते हैं कि फूलों की घाटी कैसे पहुंचा जाए?

फूलों की घाटी पहुंचने के लिए आपको सबसे नजदीक का हवाई अड्डा देहरादून में मिलेगा। आप देहरादून के जॉलीग्रांट हवाईअड्डे पर पहुंचे और फिर यहां से गोविंदघाट के लिए टैक्सी बुक करें।
ये दूरी लगभग 300 किमी की है और पहाड़ी रास्ता है। लिहाजा इस यात्रा में आपको मैदानी रास्तों से अधिक समय लगेगा। गोविंद घाट पहुंचने के बाद आपको पैदल घांघरिया जाना होगा।
यहां आपको फूलों की घाटी का पास बनवाना होगा। इसके बाद आपको ट्रैक करते हुए फूलों की घाटी जाना होगा।
गोविंद घाट से फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए आपको लगभग 19 किमी तक का ट्रैक करना होगा।
अगर आप ट्रेन से आना चाहता हैं तो आपको सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन ऋषिकेश मिलेगा। यहां से टैक्सी के जरिए लगभग 250 किमी दूरी तय करनी होगी और गोविंद घाट पहुंचना होगा।
आप देहरादून से घांघरिया के लिए हेलीकॉप्टर बुक कर सकते हैं। लेकिन आगे का रास्ता आपको पैदल ही तय करना होगा।
1 जून से पर्यटक कर सकेंगे दीदार
उत्तराखंड सरकार के मुताबिक फूलों की घाटी ट्रैक इस बार 1 जून 2024 से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। फूलों की घाटी ट्रैक अपने विभिन्न तरह के फूलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। फूलों की घाटी दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है और जैव विविधता का अनुपम खजाना है। यहां 500 से अधिक प्रजाति के रंग बिरंगे फूल खिलते हैं। फूलों की घाटी से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के विहंगम नजारे भी देखने को मिलते हैं। बता दें फूलों की घाटी 30 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी।

घांघरिया बेस कैंप से रवाना किया जाएगा पहला दल
फूलों की घाटी के लिए पर्यटकों का पहला दल 1 जून को घांघरिया बेस कैंप से रवाना किया जाएगा। पर्यटकों को फूलों की घाटी का ट्रैक करने के बाद उसी दिन बेस कैंप घांघरिया वापस आना होगा। बेस कैंप घांघरिया में पर्यटकों के ठहरने की पूरी व्यवस्था है। ट्रैकिंग के लिए भारतीय नागरिकों को 200 रुपए तथा विदेशी नागरिकों के लिए 800 रुपए ईको ट्रैक शुल्क निर्धारित किया गया है। फूलों की घाटी के लिए बेस कैंप घांघरिया से टूरिस्ट गाइड की सुविधा भी रहेगी।