बड़ी खबर- सीएम धामी का अधिकारियों को सख्त संदेश, ना खुद सोऊंगा, ना सोने दूंगा

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प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की बैठक में अधूरी तैयारी पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि एक सप्ताह बाद पूरी तैयारी से बैठक में हिस्सा लें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि प्रदेश में सड़क एवं पुलों के निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।


कार्यों का निर्धारित समयवधि में पूरा करने के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। कार्यों की गुणवत्ता में कोई शिकायत आई तो, संबंधित अधिकारियों एवं एजेंसियों पर सख्त कारवाई की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनहित में अधिकारियों को कार्य संस्कृति एवं कार्य व्यवहार में सुधार लाना होगा। इसके लिए पूरा सिस्टम मजबूत किया जाय।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास को गति देने के लिए वे न तो स्वयं चौन की नींद सोयेंगे और न अधिकारियों को सोने देंगे। सीएम धामी ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के जो कार्य अवशेष हैं, उन कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक 15 दिन में मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत की जाय। विभाग टारगेट का ग्राफ बनाकर लक्ष्य पूरा करें।


मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा मार्गों पर लैण्ड स्लाईड जोन के लिए 07 दिन में एक्शन प्लान बनाकर मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया जाय। लैण्ड स्लाईड जोन में पर्याप्त उपकरणों की व्यवस्था के साथ ही रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाय। संवेदनशील लैण्ड स्लाईड जोन पर लोंगटर्म ट्रीटमेंट कर स्थाई समाधान निकाला जाय।


प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा के दौरान अधूरी तैयारी के साथ आने पर मुख्यमंत्री ने नारजगी व्यक्त की उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की बैठक बीच में ही स्थगित कर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि एक सप्ताह बाद पूरी तैयारी के साथ आयें, और पिछले पांच सालों में जो कार्य हुए हैं और जो कार्य प्रगति पर है, उनकी स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराई जाय।


बैठक में जानकारी दी गई कि चारधाम परियोजना के तहत 889 किमी लम्बाई के 53 कार्यों में से 691 किमी के 41 कार्य स्वीकृत हो चुके हैं। भारतमाला परियोजना के तहत सीमान्त क्षेत्रों के सामरिक दृष्टि से यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ किये जाने के लिए 628 किमी के 05 सड़क मार्गों का चयन किया गया है।