रिटायर्ड महिला शिक्षा अधिकारी ने सेवा काल के दौरान विभागीय अधिकारियों के उत्पीडन की खोली पोल
तत्कालीन डीएम पर भी लगाए पक्ष न सुनने और मूल पद के बजाय संबद्ध करने का आरोप
हल्द्वानी skt.com
विभागों के अंदर के शोषण और उत्पीड़न के किस्से अक्सर बाहर नहीं आ पाते हैं कई छोटे विभागीय अफसर अपने उच्च अधिकारियों के द्वारा कई बार प्रताड़ित किए जाते हैं यहां तक कि उनके पेंशन और देयको के भुगतान में भी कई अड़चने लगाई जाती है आखिरकार कई सेवानिवृत्ति कर्मियों को ले देकर ही अपना भुगतान तथा देयक लेने को मजबूर होना पड़ता है।
कई सेवानिवृत्त कर्मी और अधिकारी जो इमानदारी से काम करते रहे हैं वह कार्यरत कर्मियों और अधिकारियों की जेब गर्म करने के बजाय लंबी लड़ाई लड़ते हैं। ऐसे ही एक सेवानिवृत्ति उप शिक्षा अधिकारी रही है जिन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों की उत्पीड़न से परेशान होकर हाईकोर्ट तक की शरण ली और हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी को भी उसका संबद्ध खत्म करके उसे मूल विभाग में भेजना पड़ा।
इस अधिकारी का नाम है चंपा भौरियाल सेवानिवृत्ति उप शिक्षा अधिकारी हल्द्वानी इन्होंने अपनी बात हमारे पोर्टल को अपने विभागीय अधिकारियों के उत्पीड़न की कहानी तथ्यों के साथ हमें प्रेषित की जिसे हम यहां समाचार के रूप में प्रकाशित कर रहे हैं।
उन्होंने जहाँ मुख्य शिक्षा अधिकारी पर ने उन्हें गलत तरीके से उत्पीड़न किया। इतना ही नही गलत जानकारी देकर तात्कालिक जिलाधिकारी गुमराह किया। जिलाधिकारी ने उनका पक्ष जाने बगैर उन्हें मूल पद से जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में अटैच कर दिया। जिलाधिकारी के इस गलत आर्डर के खिलाफ़ वह हाई कोर्ट गई। जहाँ के आदेश के बाद जिलाधिकारी को उन्हें मूल पद पर भेजना पड़ा। इडके अलावा इन्ही अधिकारियों की वजह से उन पेंशन अवमम अन्य देयकों के लिए परेशान किया गया। बाद में निदेशक के आदेश के बाद उनके देयकों एवम पेंशन को भुगतना किया गया।
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