जब सांप और नेवले एक हो सकते हैं तो हम क्यों नहीं-हरदा

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राज्य में हरीश रावत और हरक सिंह रावत इन दोनों की बयानबाजी को लेकर सियासी गलियारे हमेशा से गर्म रहती हैं और खासकर की बयानबाजी को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहने वाले हरक सिंह रावत का तो अंदाज ही निराला है लेकिन इस समय यात्रा के दौरान सियासी गलियारे से एक बड़ी खबरें सामने आ रही है जानकारी के अनुसार बता दे कि हरक सिंह रावत और हरीश रावत ने आपदा के समय में एक दूसरे से फोन पर बातचीत की और हरीश रावत ने फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि आपदा के समय में सांप और नेवला एक साथ हो सकते है। तो हम क्यों नही।दोनों भाई-भाई हैं और हरीश रावत ने बीते दिनों को याद करते हुए हरीश रावत को याद दिलाया कि जब हम दोनों एक साथ एक ही पार्टी में थे उस समय हम लोगों ने रामनगर के चुकुम और सुंदरखाल के लोगों के विस्थापन के लेकर हमने काम केकिया था। इसी दौरान हरीश रावत ने फोन पर बातचीत करते हुए आगे कहा कि इस समय आपदा के दौरान पुण्य कमाना चाहिए,तो आप इस समय पुण्य कमाने का काम करिए और हरीश रावत के बाद यशपाल आर्य ने हरक सिंह रावत से फोन पर बातचीत की और यशपाल आर्य ने कहा कि आप एक बार डीएफओ से इस मामले में बात करिए और एक बार आप खुद रामनगर के इस इलाके में आकर विजिट करिए मैं भी आपके साथ उस दौरान रहूंगा। वही हरीश रावत ने हरक सिंह रावत को उस समय फोन किया जिस समय हरक सिंह रावत ने हरीश रावत से माफी मांगी और उनको बड़ा भाई कहा।

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हरीश रावत और हरक सिंह रावत के बीच जो बातचीत हुई इस बातचीत को लेकर सियासी गलियारे में कई मायने लगाए जा रहे हैं जहां एक और हरक सिंह रावत और हरीश रावत के बीच में जुबानी लड़ाई हमेशा से लड़ी जाती रही है वहीं इसी भी इन दोनों के बीच में फोन पर बातचीत के कई मतलब निकाले जा रहे हैं और जहां हरक सिंह रावत के द्वारा हरीश रावत के लिए कहा गया था कि वह हमारे बड़े भाई हैं मैं उनके आगे नतमस्तक हूं और उनके लिए तो सारे खून माफ है इसी पर हरीश रावत ने पलटवार करते हुए कहा था कि जब उनसे कोई गलती नहीं हुई है तो वह माफी क्यों मांग रहे हैं? जहां पर इन दोनों की जुबानी जंग तो जारी है लेकिन इन दोनों के बयानबाजी को लेकर कई मायने सामने आते हैं जिससे मीडिया और जनता सब समझती है।

Report by-Ankur Saxena