Holi kab hai ? 14 या 15 मार्च, उत्तराखंड में हर किसी का बस यही सवाल, यहां दूर कर लें कनफ्यूजन

holi kab hai हर साल की तरह इस बार भी होली 2025 तारीख को लेकर कनफ्यूजन हो रहा है। हर कोई बस ये जानना चाहता है कि होली कब मनाई जाएगी। उत्तराखंड के लोगों को भी होली की सही डेट को लेकर असमंजस बना हुआ है। हालांकि अब ये कनफ्यूजन दूर हो गया है। प्रशासन और ज्योतिषाचार्यों की बैठक के बाद इसे लेकर स्पष्ट निर्णय आ गया है। हल्द्वानी नगर प्रशासन ने इस विषय पर चर्चा करने के लिए रामलीला मैदान में शहर के प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्यों और धार्मिक विशेषज्ञों के साथ एक बैठक आयोजित की।

होली 2025 तारीख को लेकर कनफ्यूजन Holi 2025 Date
दरअसल इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि और भद्रा काल के कारण होलिका दहन और रंग खेलने की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। कुछ पंचांगों के अनुसार 14 मार्च को होली खेलने की बात कही जा रही थी। तो वहीं कुछ विद्वान 15 मार्च को होली मनाने को शास्त्रसम्मत मान रहे थे। इस कारण कई जगहों पर लोगों में कनफ्यूजन बना हुआ है कि सही डेट क्या होगी?
Holi kAb hai 2025 Mein
इस बैठक में सभी विद्वानों ने शास्त्रों और पंचांग के आधार पर अपनी राय रखी। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि होलिका दहन 13 मार्च की रात को होगा। तो वहीं रंगों वाली होली जिसे कुमाउंनी भाषा में छरड़ी कहा जाता है, 15 मार्च को मनाई जाएगी। पूरे उत्तराखंड में 15 मार्च को रंगों की होली (Holi kAb hai 2025 Mein) मनाई जाएगी। बता दें कि इस बैठक में रामलीला कमेटी हल्द्वानी के रिसीवर और सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी ने सभी ज्योतिषाचार्यों की राय ली। इस दौरान डा. नवीन चंद्र जोशी, डा. जगदीश चंद्र भट्ट, गोपाल दत्त त्रिपाठी, गोपाल दत्त भट्ट सहित कई जाने-माने ज्योतिषी और धार्मिक जानकार मौजूद रहे।
सभी विद्वानों ने धार्मिक शास्त्रों और पंचांगों का गहन अध्ययन करने के बाद ये निर्णय लिया कि
- होलिका दहन(Holika Dahan 2025 Date- 13 मार्च की रात 11:30 बजे के बाद किया जाएगा।
- Holi kAb hai होली (छरड़ी, धुलेंडी)- 15 मार्च को पूरे उत्तराखंड में मनाई जाएगी।
क्या कहता है शास्त्र?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होलिका दहन हमेशा पूर्णिमा तिथि पर किया जाता है। लेकिन ये कार्य भद्रा काल में नहीं होना चाहिए। इस साल पूर्णिमा तिथि 13 मार्च की रात को आ रही है। लेकिन भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन करना शुभ रहेगा। इसके बाद प्रतिपदा तिथि (15 मार्च) को रंगों वाली होली खेली जाएगी। जैसा कि शास्त्रों में विधान बताया गया है।
पंचांग के मुताबिक होली का त्योहार पूर्णिमा के अगले दिन यानि चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि को मनाते हैं। जबकि होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित मुहूर्त में रात के वक्त होता है। हिंदु कलेंडर के मुताबिक देखा जाए तो इस बार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से शुरु हो रही है और ये तिथि 15 मार्च को दोपहर 2 बजकर 33 मिनट तक मान्य रहेगी।
कई जगहों पर 14 मार्च को मनाई जा रही होली
होलिका दहन 13 मार्च की रात (Holika Dahan 2025 Date) 11:30 के बाद किया जाएगा। उत्तराखंड की बात करें तो यहां होली 15 मार्च को खेली जाएगी। साथ ही आपको बता दें की बनारस और मथुरा में 14 मार्च को होली का पर्व मनाया जा रहा है। तो वहीं देश के कई और जगहों पर उत्तराखंड की तरह ही होली 15 मार्च को खेली जाएगी
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