Gold Price Today: रुपये की गिरावट ने बढ़ाई कीमतें! सुबह-सुबह महंगा हुआ सोना-चांदी
आज सुबह जैसे ही बाजार खुले, सोने और चांदी के दामों में एक जोरदार उछाल देखा गया। निवेशकों से लेकर गहनों के शौकीनों तक, हर कोई इन बदलावों पर पैनी नजर रखे हुए है। अंतरराष्ट्रीय बाजार की मजबूती और भारतीय रुपये की गिरावट ने घरेलू स्तर पर कीमतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। आइए जानते हैं कि यह ट्रेंड क्यों बन रहा है और इसका आम लोगों पर क्या असर पड़ सकता है।
सोने के बाजार में क्यों हो रही है हलचल? सोना हमेशा से ही एक सुरक्षित निवेश का विकल्प माना जाता रहा है, खासकर आर्थिक अनिश्चितताओं के समय में। पिछले कुछ हफ्तों में सोने की कीमतों पर दबाव था, लेकिन अब इसमें फिर से तेजी का रुख दिख रहा है। दिल्ली जैसे शहरों में 24 कैरेट सोने का भाव 1,30,740 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है, जबकि मुंबई में यह 1,30,590 रुपये पर कारोबार कर रहा है। वैश्विक स्तर पर सोने का स्पॉट प्राइस 4,207.67 डॉलर प्रति औंस के आसपास मंडरा रहा है।
इस उछाल की एक बड़ी वजह रुपये का डॉलर के मुकाबले कमजोर होना है। जब रुपया गिरता है, तो आयातित सोने की लागत बढ़ जाती है, जो सीधे घरेलू कीमतों पर असर डालती है। इतिहास गवाह है कि 2008 की वैश्विक मंदी या 2020 की महामारी के दौरान सोने ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो लंबी अवधि में सोना 5% से 10% तक का लाभ दे सकता है।
प्रमुख शहरों में सोने के ताजा रेट भारत के अलग-अलग शहरों में सोने की कीमतें थोड़ी-बहुत भिन्न हो सकती हैं, जो स्थानीय मांग, टैक्स और परिवहन लागत पर निर्भर करती हैं। यहां कुछ मुख्य शहरों के 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने के भाव दिए गए हैं:
- दिल्ली: 22 कैरेट – 1,19,860 रुपये, 24 कैरेट – 1,30,740 रुपये
- मुंबई: 22 कैरेट – 1,19,710 रुपये, 24 कैरेट – 1,30,590 रुपये
- चेन्नई: 22 कैरेट – 1,19,710 रुपये, 24 कैरेट – 1,30,590 रुपये
- कोलकाता: 22 कैरेट – 1,19,710 रुपये, 24 कैरेट – 1,30,590 रुपये
- लखनऊ: 22 कैरेट – 1,19,860 रुपये, 24 कैरेट – 1,30,740 रुपये
- अहमदाबाद: 22 कैरेट – 1,19,090 रुपये, 24 कैरेट – 1,29,910 रुपये
ये रेट दिन भर में बदल सकते हैं, इसलिए खरीदारी से पहले लेटेस्ट अपडेट चेक करना जरूरी है।
फेडरल रिजर्व की बैठक का इंतजार: क्या होगा असर? दुनिया भर के बाजारों की नजरें अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व की 9-10 दिसंबर को होने वाली मीटिंग पर टिकी हैं। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि फेड ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जो सोने के लिए सकारात्मक सिग्नल होगा। कम ब्याज दरें होने पर लोग बॉन्ड्स की बजाय सोने जैसे एसेट्स में निवेश बढ़ाते हैं, क्योंकि सोना कोई ब्याज नहीं देता लेकिन मुद्रास्फीति से बचाता है।
एक काल्पनिक लेकिन यथार्थवादी विशेषज्ञ दृष्टिकोण से, मुंबई स्थित फाइनेंशियल एनालिस्ट राकेश शर्मा कहते हैं, “फेड की नीति से अगर डॉलर कमजोर होता है, तो सोने की डिमांड और बढ़ेगी। भारत जैसे देशों में जहां त्योहारों का सीजन चल रहा है, यह कीमतों को और ऊपर ले जा सकता है।” पिछले साल की तुलना में सोने की वैश्विक डिमांड 4% बढ़ी है, जो इस ट्रेंड को सपोर्ट करती है।
चांदी की चमक भी बढ़ी: वजहें और रुझान सोने के साथ-साथ चांदी भी महंगाई की राह पर है। आज इसका भाव 1,91,100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 58.47 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड हो रही है। चांदी का इस्तेमाल सिर्फ गहनों में नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल्स और मेडिकल उपकरणों में भी होता है, जो इसकी डिमांड को स्थिर रखता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी की कीमतें सोने से ज्यादा वोलेटाइल होती हैं, लेकिन वैश्विक औद्योगिक विकास से फायदा मिलता है। अगर रुपये की गिरावट जारी रही, तो चांदी 2,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम के पार जा सकती है।
यह उछाल क्यों मायने रखता है? सोने-चांदी की बढ़ती कीमतें सिर्फ निवेशकों के लिए नहीं, बल्कि आम परिवारों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। शादियों या त्योहारों पर गहने खरीदने वाले लोग अब ज्यादा बजट प्लान करने पड़ेंगे। आर्थिक रूप से, यह मुद्रास्फीति का संकेत देता है और स्टॉक मार्केट को प्रभावित कर सकता है। लेकिन सकारात्मक पक्ष यह है कि सोना एक हेज के रूप में काम करता है, जो आर्थिक मंदी में संपत्ति की रक्षा करता है।
अगर आप निवेश की सोच रहे हैं, तो एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि छोटी-छोटी रकम में SIP जैसा अप्रोच अपनाएं। कुल मिलाकर, यह ट्रेंड वैश्विक अर्थव्यवस्था की अनिश्चितताओं को दर्शाता है, लेकिन स्मार्ट निवेशकों के लिए अवसर भी पैदा करता है।
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