उत्तराखंड में ED का छापा, दो बिल्डरों को पुलिस ने हिरासत में लिया, किया था करोड़ों का घोटाला

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उत्तराखंड समेत देश के पांच राज्यों में ED ने भूमाफिया और बिल्डरों के ठिकानों पर छापे मारे हैं। देहरादून में भी ED ने कई नामी बिल्डरों के ठिकानों में छापा मारा. कई ठिकानों पर ईडी की टीमें अभी भी दस्तावेजों को खंगाल रहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी ने दो बिल्डरों को हिरासत में लिया है.


जानकारी के अनुसार करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी करने वाले बिल्डर जितेंद्र खरबंदा और अजय पुंडीर के खिलाफ राजपुर थाने में तीन मुकदमे दर्ज होने के बावजूद पुलिस की जांच धीमी गति से चल रही है. साक्ष्य होने के बावजूद भी दोनों के खिलाफ मुकदमे कोर्ट के आदेश पर दर्ज किए गए हैं.

33 करोड़ रुपए की धोखधड़ी
दोनों आरोपियों ने तीन बिल्डरों को 33 करोड़ रुपये की धोखधड़ी की गई थी. दून वैली कोलोनाइजर्स से 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में तो पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट तक लगा दी. अब इसी मामले को ईडी ने गंभीरता से लेते हुए दोनों आरोपियों से पूछताछ शुरू की है.

बड़े बिल्डर को मोटे मुनाफे में बेच दी थी जमीन
बता दें की अजय पुंडीर साल 2013 से ही जमीनों की खरीद-फरोख्त में जुड़ गया था. साल 2013-14 में तरला नागल में काश्तकारों की जो जमीन व्यावसायिक थी उन्हें कृषि भूमि बताकर औने-पौने दामों में खरीद लिया. इसके बाद साल 2015 में बड़े बिल्डर को मोटे मुनाफे में बेच दिया. वहीं जितेंद्र ने साल 2020 में देहरादून में जमीनों की खरीद-फरोख्त शुरू की. थानी गांव, चालांग, ढाकपट्टी, हथडीवाला, धोरणखास में धोखाधड़ी से कई जमीनें खरीदी.

पुलिस ने नहीं लिया था कोई एक्शन
जांच में सामने आया कि जितेंद्र ने जिस बालाजी डेवलपवेल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से बिल्डरों से MOU किया. वह साल 2007 में ही बंद हो गई थी. बंद पड़ी कंपनी के नाम पर एमओयू करके जो करोड़ों रुपये की धनराशि मिली. वह दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दी. पुलिस जांच में यह फर्जीवाड़े सामने आया था, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. लेकिन अब ईडी ने इसी मामले को आधार बनाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है.

ऐसे की थी करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी
पीड़ित मुकेश कुमार निवासी दिल्ली ने थाना राजपुर में शिकायत दर्ज कराई थी की उनके परिचित जितेंद्र खरबंदा ने उनसे संपर्क कर बताया कि वह देहरादून में जमीन लेकर हाउसिंग सोसाइटी बनाने जा रहा हैं. उत्तराखंड में बाहर का व्यक्ति 250 गज से अधिक जमीन नहीं खरीद सकता, ऐसे में वह अपने सहयोगी अजय पुंडीर के सहयोग से जमीन खरीदेगा, क्योंकि वह उत्तराखंड का है.

दिसंबर 2017 को जितेंद्र खरबंदा ने अंजनी इंफा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड बनाई और जमीन खरीदने के लिए अजय पुंडीर के खाते में धनराशि डालने के लिए कहा. मोटा मुनाफा देखकर उसने अलग-अलग तारीखों को अजय पुंडीर, बालाजी डेवलपवेल प्राइवेट लिमिटेड, अजय खरबंदा, बालाजी इंफ्रा शाइन और अन्य के खातों में 19 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए. इस मामले में जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो कोर्ट के आदेश पर 11 जुलाई 2024 को मुकदमा दर्ज हुआ.

वहीं दूसरा मामला आरोपी दून वैली कोलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स कंपनी के निदेशक पटेलनगर निवासी प्रदीप नागरथ से 12 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का है. दून वैली कोलोनाइजर्स एंड बिल्डर्स कंपनी की तरला नागल में कंपनी की 36 बीघा भूमि है. जितेंद्र जितेंद्र खरबंदा ने खुद को बालाजी डेवलपर्स कंपनी का निदेशक बताया और प्रदीप को हाउसिंग प्रोजेक्ट का प्रस्ताव दिया. आरोपी ने हाउसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर प्रदीप से 12 करोड़ के रुपये की धोखाधड़ी की थी. इस मामले में राजपुर थाना पुलिस ने 13 अप्रैल को आरोपी जितेंद्र खरबंदा, अजय खरबंदा,अजय पुंडीर, रीमा खुराना, सीमा खुराना सहित 11 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.