डॉक्टर और सहयोगियों पर ₹5 लाख की धोखाधड़ी का आरोप — फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाकर 75 लाख का बीमा क्लेम हथियाने की साजिश

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राजसमंद के कांकरोली में सरकारी डॉक्टर और दो सहयोगियों पर ₹5 लाख की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। आरोपियों ने फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाकर 75 लाख रुपए का बीमा क्लेम हासिल करने की साजिश रची। पुलिस ने डॉक्टर सुनील निठारवाल सहित तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Doctor and associates accused of fraud of ₹5 lakh in Kankroli

राजसमंद। राजस्थान के राजसमंद ज़िले के कांकरोली थाना क्षेत्र में सरकारी अस्पताल से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां केलवा स्थित सरकारी चिकित्सालय के डॉक्टर और उनके दो सहयोगियों पर फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर बीमा क्लेम के नाम पर ₹5 लाख की धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप लगा है। इस सनसनीखेज मामले ने चिकित्सा व्यवस्था और प्रशासनिक सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

तिलक नगर, जे.के. सर्कल कांकरोली निवासी रतनेष कुमार प्रजापत ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि डॉ. सुनील निठारवाल, विजय कुमार दाधीच और सुरेशचंद्र छिपा ने आपसी मिलीभगत से उनके साथ ₹5 लाख की ठगी की। शिकायतकर्ता के अनुसार, डॉ. निठारवाल उनके घर पर किरायेदार के रूप में लगभग आठ माह तक रहे थे। पिता के निधन के बाद डॉक्टर ने भरोसा दिलाया कि वह उन्हें 75 लाख रुपए का बीमा क्लेम दिला सकते हैं। इसी बहाने उन्होंने कागजात तैयार कराने और फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनवाने के नाम पर ₹5 लाख की मांग की।

विश्वास में आकर परिवादी ने 17 जून 2025 को डॉक्टर के कहने पर विजय कुमार दाधीच और सुरेशचंद्र छिपा को ₹5 लाख नकद दे दिए। डॉक्टर ने वादा किया था कि यह राशि बीमा क्लेम पास कराने में खर्च होगी और जल्द ही 75 लाख का भुगतान मिल जाएगा। मगर समय बीतने के बाद भी न तो क्लेम पास हुआ, न ही डॉक्टर ने कोई ठोस जवाब दिया। कई बार संपर्क करने के बावजूद आरोपी टालमटोल करते रहे।

जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि डॉक्टर और उनके सहयोगियों ने ₹5 लाख लेकर फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कराई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर 75 लाख रुपए का बीमा क्लेम हासिल करने की योजना बनाई गई थी। पुलिस के अनुसार, यह पूरा षड्यंत्र डॉक्टर, कंपाउंडर और सहयोगियों की मिलीभगत से रचा गया था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए कांकरोली थाना पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की। गवाह पुरण सिंह राजपूत और सुरेशचंद्र छिपा ने भी पुष्टि की कि परिवादी ने डॉक्टर के निर्देश पर ₹5 लाख की नकद राशि सौंपी थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि डॉक्टर निठारवाल विवाहित हैं और उनका संबंध अस्पताल के प्रशासनिक कर्मचारियों से भी जुड़ा हुआ है।

इस बीच, अस्पताल प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि संबंधित पोस्टमार्टम रिपोर्ट अस्पताल से चोरी की गई थी। प्रशासन ने दावा किया कि आंतरिक जांच की जा रही है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि रिपोर्ट कैसे और किसकी सहायता से बाहर निकाली गई। हालांकि, इस घटना ने यह बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है कि अगर अस्पताल से रिपोर्ट चोरी होकर ₹5 लाख में बेची जाती है, तो इतने दिनों तक प्रशासन क्या कर रहा था और सुरक्षा व्यवस्था क्यों कमजोर रही?

कांकरोली थाना पुलिस ने परिवादी के बयान और जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर डॉ. सुनील निठारवाल, विजय कुमार दाधीच और सुरेशचंद्र छिपा के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर जांच तेज़ की जा रही है।

इस प्रकरण ने न केवल चिकित्सा क्षेत्र में ईमानदारी और नैतिकता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया है कि विश्वास और पेशेवर जिम्मेदारी के नाम पर किस तरह लालच का अंधेरा फैलता जा रहा है। कांकरोली पुलिस अब इस फर्जीवाड़े की पूरी परतें उधेड़ने में जुटी है।