वन विभाग 300 से भी अधिक धार्मिक स्थलों पर चला सकता है बुलडोजर

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उत्तराखंड में अतिक्रमण कर बनाए गए तीन सौ से अधिक मंदिर, मस्जिद, मजार और गुरुद्वारों पर कभी भी बुलडोजर चल सकता है। इसको लेकर उत्तराखंड वन विभाग ने बड़ी तैयारी कर ली है।


अतिक्रमित भूमि को मुक्त कराने के लिए उत्तराखंड वन विभाग ने कमर कस ली है और वो कभी भी अतिक्रमण कर बनाए गए तीन सौ से अधिक मंदिर, मस्जिद, मजार और गुरुद्वारों पर बुलडोजर चल सकता है। इसको लेकर उत्तराखंड वन विभाग ने बड़ी तैयारी कर ली है। उत्तराखंड शासन ने एक हफ्ते के अंदर ऐसे सभी धार्मिक स्थलों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।


उत्तराखंड में वन विभाग की लापरवाही के चलते वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर बड़ी संख्या में धार्मिक स्थल बनाए जा रहे हैं। इस पर सरकार के सख्त रुख के बाद वन विभाग ने पूरे प्रदेश में वन भूमि पर बनाए गए धार्मिक स्थलों को चिन्हित करने के निर्देश दिए थे। इनमें अभी तक तीन सौ के आसपास मंदिर, मजार, चर्च और गुरुद्वारे वन भूमि पर पाए गए हैं।
बता दें कि इनमें अभी पार्क और सेंचुरी एरिया का डेटा शामिल नहीं है। प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु ने फॉरेस्ट विभाग को दोबारा पत्र भेजकर हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी है।

फॉरेस्ट हेडक्वार्टर से सभी पार्क, सेंचुरी प्रशासन के साथ ही फॉरेस्ट डिविजन को भी ये आदेश भेज दिए गए हैं। फॉरेस्ट चीफ विनोद सिंघल के मुताबिक अधिकारियों से धार्मिक स्थलों के निर्माण से जुड़े सभी प्रमाण देने को कहा गया है।


बता दें कि उत्तराखंड में कई मंदिर ऐसे भी हैं, जो फॉरेस्ट एक्ट लागू होने से भी पहले से पीढ़ियों से चले आ रहे हैं, लेकिन, हाल के वर्षों में वन क्षेत्र में मंदिरों के साथ मजारों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ऐसे सभी धार्मिक स्थलों हटाए जा सकते हैं।