बड़ा पद, अच्छी सैलरी, फिर भी ऐसा, आखिर अतुल सुभाष ने ये कदम क्यों उठाया? जानिए कहानी

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AI इंजीनियर अतुल सुभाष Atul Subhash story

24 पन्नों का सुसाइड नोट 1.5 घंटे की वीडियो रिकॉर्डिंग और Justice Is Due लिख कर एक आत्महत्या करने वाले कम्प्यूटर इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत(Atul Subhash) ने इस देश के एक बड़े समाज को झकझोर कर रख दिया है। ये घटना जहां हर एक व्यक्ति को झकझोर देने वाली थी। वहीं कई बड़े सवाल भी खड़े करती थी। अतुल सुभाष ने दुनिया को अलविदा कहते हुए ऐसे सवाल छोड़े हैं, जिनका जवाब न सिर्फ समाज, बल्कि इस देश की न्याय व्यवस्था को भी देना होगा।

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अच्छी सैलरी, अच्छे पद पर थे बिहार के अतुल सुभाष

बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले अतुल सुभाष के परिवार में उनके पिता पवन मोदी, मां अंजु मोदी और छोटा भाई विकास मोदी है।आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI इंजीनियर अतुल सुभाष बंगलोर की एक कंपनी में बड़े ओहदे पर काम करते थे। कहने को उनके पास सबकुछ था लेकिन कुछ नहीं था तो वो था जीवन का सुकून। दरअसल अतुल अपनी वैवाहिक जिंदगी में कई चुनौतियों का सामना कर रहे थे। अतुल और उनकी पत्नी के बीच अच्छे संबंध नहीं थे। अतुल के सुसाइड नोट के मुताबिक उनकी पत्नी के गंभीर आरोप चार साल के बेटे से दूरी, एक के बाद एक हो रहे कोर्ट केस और सिसटम का फेलियर अतुल को अंदर तक तोड़ चुका था।

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साल 2019 में हुई थी शादी

दरअसल अतुल की शादी निकिता सिंघानिया से साल 2019 में हुई थी। शादी के एक साल बाद उन्हें एक बेटा भी हुआ। लेकिन कुछ साल बाद ही निकिता बेंगलुरु से वापस अपने मायके आ गई। पति अतुल सुभाष के खिलाफ दहेज़ उत्पीड़न, घरेलु हिंसा, हत्या के प्रयास, समेत 9 केस दर्ज करवा दिए। न सिर्फ अतुल बल्कि इन मुकदमों में उनके मां बाप और भाई को भी नामजद किया गया।
इन कोर्ट केसेस ने अतुल को काफी परेशान किया और हालात ये हुए कि वो बार बार कोर्ट के चक्कर लगाने लगे।

वैवाहिक जिंदगी से बेजार हो चुके थे अतुल

अतुल अपनी वैवाहिक जिंदगी से इतने बेजार हो चुके थे कि अब उनको खुद को खत्म करने के अलावा कोई चारा नहीं सूझा।
अतुल ने अपनी जिंदगी खत्म करने से पहले 24 पन्नों का एक नोट और करीब ड़ेढ़ घंटे की वीडियो बनाई। इस वीडियो में अतुल ने बताया कि कैसे उन्हे कोर्ट से 120 बार सुनवाई का नोटिस मिला और कैसे वो 40 बार खुद जौनपुर फैमिली कोर्ट में अपीयर हुए।
अतुल सुभाष के सुसाइड नोट के मुताबिक तमाम एविडेंस के बावजूद फैमिली कोर्ट में उनकी सुनवाई नहीं हुई। अतुल अपने सुसाइड नोट में इस देश की न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हैं।

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पत्नी ने झूठे मुकदमों में फंसाया

अतुल ने बताया है कि फैमिली कोर्ट की जज नीता कौशिक इतना ही नहीं जज के पेशकार ने उनसे 3 लाख की रिश्वत भी मांगी। रिश्वत न देने पर उनके खिलाफ फैसला सुना दिया गया।
अतुल सुभाष ने आखिरी नोट में अपनी पत्नी और उसके परिवार पर मानसिक उत्पीड़न, झूठे केस और भारी रकम वसूली का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि उन्हें लगातार झूठे मुकदमों में फंसाकर प्रताड़ित किया जा रहा था। अतुल का आरोप है कि उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया ने उनसे तीन करोड़ रुपयों की मांग की। अतुल के मुताबिक, अदालत के जरिए हर महीने 80,000 रुपये मेंटिनेंस देने का दबाव बनाया गया। अतुल हर महीने बेटे के पालन पोषण के लिए 40000 रुपए भेज भी रहे थे। उनका दावा था कि उनके बेटे को भी ब्लैकमेल का हथियार बनाया गया।

सुसाइड नोट में प्रताड़ना का किया जिक्र

सुसाइड नोट के जरिए अतुल सुभाष ने न सिर्फ अपने और अपने परिवार के ऊपर दर्ज केस को लेकर सुबूत के साथ दलील दी।बल्कि कोर्ट रूम में उन्हें कैसे प्रताड़ित किया उसका भी जिक्र किया है। अतुल ने नोट्स में कहा- “मुझे लगता है कि मुझे खुदकुशी कर लेनी चाहिए, क्योंकि मैं जो पैसा कमा रहा हूं, उससे मेरे दुश्मन और मजबूत हो रहे हैं। उसी पैसे का इस्तेमाल मुझे बर्बाद करने के लिए किया जाएगा और यह सिलसिला चलता रहेगा. मेरे टैक्स से मिलने वाले पैसे से ये कोर्ट और पुलिस सिस्टम मुझे, मेरे परिवार और दूसरे अच्छे लोगों को परेशान करेगा. इसलिए वैल्यू की सप्लाई खत्म होनी चाहिए।”

न्याय ना मिलने पर अस्थियां कोर्ट के सामने गटर में बहा देना

साथ ही उन्होंने इस विडियो में अदालत से अपील की कि अब उसके मां-बाप को परेशान न किया जाए। आखिरी वक्त में उसने पत्नी से कहा प्लीज बच्चे की परवरिश मेरे माता-पिता को दे देना।

हमारे देश का आम आदमी इस देश की न्यायिक व्यवस्था से कितना परेशान हो सकता है। इसकी पराकाष्ठा अतुल सुभाष के सुसाइड नोट में मिलती है। वो लिखते हैं कि, अगर मुझे इंसाफ न मिले, तो मेरी अस्थियां कोर्ट के सामने गटर में बहा देना।
उधर अतुल के माता-पिता आज रो-रोकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं। अतुल के परिजनों ने उनकी पत्नी निकिता के परिजनों पर अतुल को सुसाइड के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज करा दिया है। पुलिस इन आरोपों की जांच कर रही है।

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अतुल की मौत कई सवाल खड़े करती है

निकिता के परिजन इन आरोपों पर बोलने के लिए फिलहाल तैयार नहीं हैं। लेकिन इस बीच अतुल की मौत कई सवाल खड़े करती है। सवाल ये कि क्या न्याय व्यवस्था में तमाम बदलावों के बावजूद आज कानूनों का दुरुपयोग होता है। खास तौर पर दहेज उत्पीड़न कानून, जिसे महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया था, कई मामलों में ये एक हथियार के रूप में इस्तेमाल हो रहा है। लोगों ने एक ट्रेंड सा सेट कर दिया है की शादी कर के कुछ समय साथ रहो डिवोर्स के नाम पर मोटी रकम ले लो और अगर ना मिले तो सामने वाली की जिंदगी तबाह कर दो। अतुल के लेटर में लिखा हर शब्द, हर पंक्ति, और उनके विडियो का हर फ्रेम उनके साथ हुई प्रताड़ना के गहरे दर्द की कहानी बयां करता है।

क्या अतुल सुभाष को मिलेगा न्याय?

सोशल मीडिया से लेकर तमाम मंचों तक अतुल सुभाष की मौत की चर्चा है। चर्चा इस देश के उस सिस्टम की भी है जो इस देश के नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए बनाया गया था लेकिन आज यही सिस्टम इस देश के नागरिकों को मौत के मुहाने तक ले आ रहा है। फिलहाल हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत संज्ञान लिया है और तमाम फाइलों को मंगवा लिया है। हालांकि सवाल अब भी यही है कि क्या वाकई में अतुल सुभाष को न्याय मिल पाएगा। या फिर अतुल की वो अंतिम गुहार भी उन अनगिनत आवाजों में से एक बनकर रह जाएगी, जो वक्त के साथ धीरे-धीरे खो जाती हैं। ये घटना जहां हर एक व्यक्ति को सनन कर देने वाली है वहीं कई बड़े सवाल भी खड़े करती है।